Videotranskripcija
परवानवरनागर परवानवरागर परवानवर...नागर परवानवरनागर पर�
परवानवरनागर परवानवरनागर...परवानवरनाग
हुं गान्डी हती, समझती हती कि अवि मने प्रेम करेज, अने इतले मारा थी नाराज छे, इतली मुर्खी हती कि प्रेम और वासना वच्चे नू अन्तर जब मने नतू खपर.
मारा माटे ये मारो प्रेम हतो, अने एना माटे मात्र हुएनी वासना, हं, मारा प्रेमने पामवा, येनी नाराज़गी दूर करवा, हुं काई पन करवा तयार हती.
ओ मुठ्या बाबा...