Videotranskripcija
आज भी वह शाम याद है, जब सब कुछ बदल गया था।
वह एक साधारन सा दिन था, जब मैं कॉलेज से घर लोट रही थी।
बारिश शुरू हो चुकी थी और हलकी-हलकी ठंडी हवा चल रही थी।
मैं अपनी सहेलियों के साथ सडक पर चल रही थी।
जब अचानक मेरी नजरें एक लड़के पर पड़ी, वह पार्क में बैठा था, किताबों में खोया हुआ, कुछ था उसके छेहरे पर।